जीपीएस (GPS) क्या है ? जाने हिन्दी में (what is GPS in hindi)

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दोस्तो स्वागत है आपका अपने techchauraha.com blog पर । आज हम जनेंगे GPS क्या है ? और GPS कैसे काम करता है ? ( gps kya hai in hindi ) निरंतर advance होती technology ने हम सबकी ज़िदंगी को काफी सरल और आसान बना दिया है उदाहरण के लिए हमको अगर कहीं जाना होता है तो हुमे किसी से रास्ता पूछने की ज़रूरत नहीं पड़ती उसके लिए हम अपने मोबाइल फोन के GPS का इस्तेमाल करते है और आसानी से अपने गंतव्य तक पहुँच जाते है यहां तक रास्ते में ट्रैफिक कहां होगा, इसकी जानकारी भी हमें GPS के ज़रिए मिल जाती है और ये सब संभव हो सकता है GPS के कारण। आपने इसे इस्तेमाल तो किया ही होगा। लेकिन क्या आप जानते है कि ये जीपीएस क्या है और कैसे काम करता है, इसका इस्तेमाल कैसे करे?

लेकिन क्या आप जनते है कि GPS कैसे काम करता है? आपकी लोकेशन इतनी सटीकता के साथ कैसे ट्रैक कर लेता है? अगर आपका जवाब न है तो एस article को पूरा पढे ताकि आप GPS के बारे मे पूर्ण जानकारी पा सके। जी हां, आज हम आपको GPS की पूरी जानकारी देंगे। तो चलिए जानते है, जीपीएस क्या होता है, जीपीएस काम कैसे करता है, जीपीएस का उपयोग कैसे करे, GPS kya hai aur kaam kaise karta hai, GPS ka use kaise kare?

जीपीएस क्या है? (What is GPS in Hindi)

आपको बता दें GPS की फुल फॉर्म है - "Global Positioning System" । GPS एक वैश्विक नौवहन उपग्रह प्रणाली है अर्थात global navigation satellite system है यह एक ऐसा ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम है जिसके ज़रिए हम लोकेशन का पता लगते हैं। ये सिस्टम धरती पर मौजूद किसी भी GPS receiver को geolocation और समय की जानकारी देता है।

जीपीएस का इतिहास (History of GPS in hindi)

इसका विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के Department of Defense अर्थात रक्षा विभाग ने किया था । 27-April-1995 से इस प्रणाली ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था। इसके प्रमुख प्रयोग नक्शा बनाने, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, सर्विलैंस और ट्रेकिंग करने तथा जियोकैचिंग के लिये भी होते हैं। शुरुआती दौर मे जीपीएस का प्रयोग केवल सेना के लिए किया जाता था, लेकिन बाद में इसका प्रयोग नागरिक कार्यो में भी होने लगा। सन 1995 के दौरान इस टेक्नोलॉजी को हर किसी के लिए ओपन कर दिया गया। जिसका नतीजा है कि आज हर किसी के मोबाइल फोन में जीपीएस होता है।

GPS कैसे काम करता है? (how works gps in hindi)

जीपीएस रिसीवर अपनी स्थिति की calculation , पृथ्वी से ऊपर स्थित किये गए जीपीएस उपग्रहों के समूह द्वारा भेजे जाने वाले संकेतों के आधार पर करता है। हर उपग्रह लगातार संदेश रूपी संकेत transmit करता रहता है। reciever हर संदेश का ट्रांजिट समय भी दर्ज करता है और सभी  उपग्रह से दूरी की calculation करता है।  रिसीवर सटीकता से गणना के लिए चार उपग्रहों का प्रयोग करता है। इससे user की त्रिआयामी स्थिति अर्थात three dimensional location  (अक्षांश, देशांतर रेखा और उन्नतांश) के बारे में पता चल जाता है। एक बार जीपीएस द्वारा स्थिति का ज्ञान होने के बाद, gps device द्वारा दूसरी जानकारियां जैसे कि गति, ट्रेक, ट्रिप, दूरी, जगह से दूरी, वहां के सूर्यास्त और सूर्योदय के समय के बारे में भी जानकारी collect कर लेता है। 

GPS का इस्तेमाल कहा होता है?

  • Location (अपनी लोकेशन पता करने मे )
  • Surveillance and Tracking ( सर्विलैंस और ट्रेकिंग करने मे )
  • Timing (सही समय जानने के लिए)
  • Map Making ( नक्शा बनाने मे )
  • Navigation (एक जगह से दूसरी जगह जाने लिए )
  • Land Survey( जमीन का सर्वेक्षण करने मे )
  • Commercial Work ( वाणिज्यिक कार्य मे )
  • Scientific Experiment ( वैज्ञानिक प्रयोग मे )

भारत मे जीपीएस ( GPS in india )

भारत में भी जीपीएस के प्रयोग बढ़ते ही जा रहे हैं। दक्षिण रेलवे ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम पर आधारित यात्री सूचना प्रणाली वाली ईएमयू की शुरुआत कर रहा है। ऐसी पहली ईएमयू (बी-२६) ट्रेन ताम्बरम स्टेशन से चेन्नई बीच के बीच चलेगी। इस ईएमयू में अत्याधुनिक ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम पर आधारित यात्री सूचना प्रणाली होगी जिसमें आने वाली ट्रेन का नाम, उस स्टेशन पर पहुंचने का अनुमानित समय, जनहित से जुड़े संदेश तथा यात्री सुरक्षा से संदेश show कराये जाएंगे। इसके अलावा टैक्सियों में, खासकर रेडियो टैक्सी सेवा में इसका उपयोग बढ़ रहा है। दिल्ली में दिल्ली परिवहन निगम की लो-फ्लोर बसों के नए बेड़े जुड़े हैं इनकी ट्रैकिंग हेतु यहां भी जीपीएस सुविधा का प्रयोग आरंभ हो रहा है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, अहमदाबाद के अंतरिक्ष अनुप्रयोग प्रयोगशाला ने डिस्ट्रेस अलार्म ट्रांसमीटर (Distress Alarm Transmitter, DTA ) नाम का एक छोटा सा device विकसित किया है। यह यंत्र ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम पर आधारित चेतावनी प्रणाली है और बैटरी-चालित इस device का एक यूनिक आईडी नंबर होता है जो चौबीस घंटे हर पांच मिनट के अंतराल पर चेतावनी भेजता रहता है। इसके द्वारा बचाव दल कंप्यूटर स्क्रीन पर समुद्र में नाव की स्थिति को जान सकते हैं। इसे तट रक्षकों द्वारा तटीय क्षेत्रों में प्रयोग किया जा रहा है।

 

जीपीएस का कैसे इस्तेमाल करें? (How to use GPS in hindi)

GPS का इस्तेमाल करना बहुत सरल है। आप इसका उपयोग करने के लिए नीचे लिखे steps follow कर सकते है ।

  • play store से गूगल मैप्स डाउनलोड करें

  • गूगल मैप्स ओपन करें

  • अब अपने डिवाइस का जीपीएस ऑन करने के बाद सर्च बॉक्स में जाएं जहा अपनी डेस्टिनेशन डालें।

  • फिर डेस्टिनेशन सर्च बॉक्स में डालने के बाद उस पर टैप करे । 

  • फिर स्क्रीन पर Direction का बटन दिखेगा उस पर क्लिक करें।

  • अब अपना स्टार्टिंग प्वॉइंट सिलेक्ट करें।

  • फिर आप स्टार्ट बटन पर क्लिक करें। जिससे आपका route display हो जाएगा और आप अपनी मनमुताबिक डेस्टिनेशन पर पहुंच जाएंगे।

उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा और आपको GPS के बारे मे काफी जानकारी मिली होगी । अगर इस article से संबन्धित कोई सुझाओ देना चाहते है तो comment box मे comment करके आप हमे बता सकते है ।

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